प्रदेश कांग्रेस के 57 उम्मीदवार शॉर्टलिस्ट, इन 19 को मिलेगा टिकट

राजस्थान विधानसभा चुनाव फिर से जीतकर सत्ता रिपीट कराने को कमर कस चुकी है। इसे देखते हुए कांग्रेस ने जयपुर जिले की सभी 19 विधानसभा सीटों पर अपने तीन-तीन दावेदारों के नाम तय कर लिए हैं।

इससे पहले जिताऊ चेहरों की तलाश के लिए पार्टी की ओर से तीन बार अलग-अलग आंतरिक सर्वे करवाए जा चुके हैं। पार्टी के शीर्ष नेता भी कह चुके हैं कि इस बार टिकट सर्वे रिपोर्ट के आधार पर ही दिया जाएगा। इसी को देखते हुए टिकट पाने के इच्छुक नेता लगातार अपने-अपने क्षेत्र में सक्रिय भी नजर आ रहे हैं।

इसके साथ ही पार्टी ने जयपुर जिले की 19 विधानसभा सीटों पर भी प्रत्याशी चयन की कवायद तेज है। सभी दावेदारों की सहमति से टिकट फाइनल करने और चुनाव में कांग्रेस नेताओं की बगावत को रोकने के लिए पार्टी ने अभी तक प्रत्येक सीट पर तीन उम्मीदवारों का पैनल बनाया है। राजधानी जयपुर की 19 में से 12 सीटें ऐसी हैं, जहां पर कांग्रेस या कांग्रेस समर्थित विधायकों का कब्जा है। इसके बावजूद पार्टी बगावत से बचने के लिए इन विधायकों के टिकट भी इस बार सर्वे रिपोर्ट पर ही तय करेगी।

यहां क्लिक कर Video देखिए: जयपुर की 19 सीटों पर 57 दावेदरों की लिस्ट तैयार

पार्टी की तैयारी को देखते हुए कई नेता अपनी वर्तमान सीटों पर अपनी दावेदारी पेश कर रहे हैं। पायलट गहलोत गुट के नेताओं द्वारा टिकट के लिए जयपुर से दिल्ली तक लॉबिंग भी की जा रही है। दावेदारों द्वारा अपने राजनीतिक आकाओं के जरिए भी टिकट पाने के लिए जोड़-तोड़ की जा रही है।

जयपुर जिले की 19 सीटों पर वैसे तो तकरीबन 100 से ज्यादा दावेदार अपनी दावेदारी पेश कर रहे हैं, लेकिन इन सीटों पर तीन-तीन प्रमुख नेताओं के नाम मजबूती से सामने आए हैं। माना जा रहा है कि कांग्रेस ने इन्हीं तीन नामों को पहली सूची में तैयार किया है।

इस सूची में वर्तमान विधायकों के साथ हारे हुए प्रत्याशी भी प्रमुख दावेदार हैं। जयपुर की किशनपोल सीट पर वर्तमान विधायक अमीन कागजी के अलावा जयपुर की पूर्व मेयर और जयपुर शहर से लोकसभा की प्रत्याशी रही ज्योति खंडेलवाल के साथ ही हाल ही में शहर अध्यक्ष बनाए गये आरआर तिवाड़ी तीन दावेदारों की सूची में हैं।

इसी तरह से आदर्श नगर सीट पर विधायक रफीक खान के अलावा पूर्व पार्षद उमर दराज और जाकिर गुडएज भी दावेदारी जता रहे हैं। भाजपा के समय यह सीट हिंदू उम्मीदवार की होती थी, लेकिन पिछली बार अशोक परनामी के हारने के बाद रफीक खान ने जीत ली थी। अब कांग्रेस की नजर में इस सीट पर हिंदू जीत ही नहीं सकता है।

मालवीय नगर सीट लंबे समय से भाजपा के पास है। यहां से पूर्व मंत्री और वर्तमान भाजपा विधायक कालीचरण सराफ जीतते आ रहे हैं। इस सीट पर पिछली बार अर्चना शर्मा कांग्रेस उम्मीदवार थीं, लेकिन चुनाव हार गई थीं। उन्होंने इस बार फिर से दावेदारी जताई है। साथ ही उद्योग आयोग के चेयरमैन और पूर्व प्रत्याशी राजीव अरोड़ा के साथ ही चार दशक से अशोक गहलोत के मित्र संजय बाफना भी दावेदार हैं।

हवामहल पिछली बार भाजपा हार गई थी, उससे पहले कांग्रेस ने हारी थी। यहां पर वर्तमान विधायक और मंत्री महेश जोशी के साथ ही पूर्व विधायक और पूर्व मंत्री बृजकिशोर शर्मा के अलावा सुनील शर्मा भी प्रमुख दावेदार हैं।

सिविल लाइंस सीट भी एक बार भाजपा और एक बार कांग्रेस को मिलती रही है। यहां पर वर्तमान विधायक और मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास सबसे बड़े दावेदार हैं। इसके अलावा ओम राजोरिया और विजय शंकर तिवाड़ी भी प्रमुख दावेदार हैं।

एससी के लिए रिजर्व बगरू सीट पर वर्तमान विधायक गंगादेवी के अलावा सतवीर आलोरिया तगड़े दावेदार हैं। इसके साथ ही साथ ही गोमा सागर और अमिता मधुप भी अपनी दावेदारी जता रहे हैं।

भाजपा के लिए बीते 20 साल से अजेय गढ़ बन चुकी सांगानेर सीट पर कांग्रेस के प्रत्याशी रहे राजस्थान विवि के पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष पुष्पेंद्र भारद्वाज सबसे प्रमुख दावेदार हैं। इसके साथ ही सुनील पारवानी और यहीं से पूर्व में प्रत्याशी रहे सचिन पायलट कैंप के नेता सुरेश मिश्रा भी तीन जनों की सूची में हैं।

विद्याधर नगर सीट भी लंबे समय से भाजपा के खाते में है। यहां पर पूर्व प्रत्याशी और कांग्रेस के कोषाध्यक्ष सीताराम अग्रवाल, मंजू शर्मा के साथ ही पूर्व उम्मीदवार विक्रम सिंह शेखावत और गिरिराज गर्ग भी प्रमुख दावेदार हैं।

सत्ता के विपरीत बहने के लिए प्रसिद्ध आमेर विधानसभा सीट से इस समय भाजपा के पूर्व अध्यक्ष और उपनेता प्रतिपक्ष डॉ. सतीश पूनियां विधायक हैं। यहां पर पिछली बार कांग्रेस प्रत्याशी रहे सचिन पायलट कैंप के प्रशांत शर्मा के साथ ही हरीश चौधरी की करीबी मानी जाने वालीं संजिता सिहाग और अशोक गहलोत कैंप से आने वाले मोहन डागर भी दावेदारी जता रहे हैं।

इसी तरह से सत्ता के साथ रहने वाली झोटवाड़ा सीट पर वर्तमान मंत्री और विधायक लालचंद कटारिया के साथ ही सचिन पायलट के खास नेता राजेश चौधरी के अलावा नवीन यादव भी दावेदारी ठोक रहे हैं। शाहपुरा विधानसभा सीट पर गुजरात की पूर्व राज्यपाल कमला बेनीवाल के बेटे और वर्तमान निर्दलीय विधायक आलोक बेनीवाल के साथ ही आलाकमान के नजदीक माने जाने वाले संदीप चौधरी और सचिन पायलट कैंप से आने वाले राजस्थान विवि के पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष मनीष यादव भी फिर से दावेदार हैं। मनीष यादव पिछली बार कांग्रेस के टिकट पर चुनाव हार गये थे, जबकि उससे पहले 2013 में निर्दलीय चुनाव लड़े थे, तब भी चुनाव हार गये थे।

दिल्ली रोड की विराट नगर सीट पर सचिन पायलट कैंप के वर्तमान विधायक इंद्राज गुर्जर के अलावा अशोक गहलोत कैंप कांग्रेस महामंत्री जसवंत गुर्जर और अशोक गहलोत के पुराने साथी रहे पूर्व मंत्री रामचंद्र सराधना का नाम भी दावेदारों की सूची में है।

इसी तरह से दिल्ली मार्ग पर पड़ने वाली कोटपूतली सीट पर गृह राज्य मंत्री एवं उच्च शिक्षा मंत्री राजेंद्र यादव के अलावा सचिन पायलट कैंप के देव कसाना और प्रदीप गुर्जर भी तगड़े दावेदार हैं। एसटी के लिए आरक्षित जमवारामगढ़ सीट पर वर्तमान विधायक गोपाल मीणा के अलावा पायलट कैंप के शंकर मीणा और राकेश मीणा गदली भी प्रमुख दावेदार हैं।

पिछले चुनाव में काफी कम अंतराल से हारी फुलेरा सीट से पूर्व प्रत्याशी विद्याधर चौधरी के साथ ही पायलट कैंप के बजरंग ककरालिया और भंवर सारण भी दावेदारी जता रहे हैं। एससी के लिए आरक्षित दूदू सीट पर अशोक गहलोत के खास निर्दलीय वर्तमान विधायक बाबूलाल नागर के अलावा मोहनलाल वर्मा और पुष्पा मेघवाल भी दावेदारी ठोक रहे हैं। इसी तरह से एससी के लिए ही आरक्षित सत्ता के साथ रहने वाली चाकसू सीट पर सचिन पायलट के खास विधायक वेद प्रकाश सोलंकी के अलावा प्रकाश बैरवा और अशोक गहलोत कैंप से आने वाले पूर्व विधायक अशोक तंवर भी दावेदारी जता रहे हैं।

एसटी वर्ग के लिए आरक्षित बस्सी सीट पर अशोक गहलोत कैंप से आने वाले निर्दलीय विधायक लक्ष्मण मीणा के अलावा पायलट कैंप की कविता मीणा और गहलोत खेमे के मदन मीणा भी प्रमुख दावेदार हैं। सीकर लोकसभा में पड़ने वाली चौमू विधानसभा सीट पर अशोक गहलोत कैंप की मानी जाने वाली रुक्ष्मणी कुमारी के अलावा डोटासरा कैंप की शिखा मील और संगठन महामंत्री ललित तूनवाल भी दावेदारी जता रहे हैं।

राजधानी जयपुर जिले की सभी 19 सीटों के लिए कांग्रेस के 63 दावेदारों के नाम सामने आये हैं। इनमें अधिकांश वर्तमान विधायक और विधायक प्रत्याशी ही उम्मीदवार तय होने की संभावना है, किंतु फिर भी पार्टी जिताउ और युवाओं को मौका देने का दावा कर रही है। ऐसे में कुछ नए नाम भी सामने आ सकते हैं।

कहा जाता है कि जिस दल के पास जयपुर जिले के अधिकांश सीटें होती हैं, सरकार उसी की बनती है। अब देखना यह होगा कि इस बार 19 में से 12 सीटों पर जीतकर सरकार चला रही कांग्रेस कैसे राजधानी को दोबार जीतकर सत्ता रिपीट कराती है? इससे पहले 2013 में भाजपा ने लगभग सभी सीटों पर जीत हासिल की थी।